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Showing posts from 2017

भारत बनना चाहता है

भारत बनना चाहता है एक नायक एक विचारक सुपरपावर महानायक भारत बनना चाहता है अमीरी का स्वर्ग , गरीबों का मारक जगत्गुरु, विश्वविजयी और महा संहारक भारत बनना चाहता है फ़ेसबुकिया सुपरस्टार , चाहिए बस लाइक 👌 चार विचारने को बुद्धि कम और  बतियाने को मुद्दे हज़ार भारत बनना चाहता है फेमस, ग्लैमरस, प्रेस्टीजियस, पायस हर सवाल उसको लगता दुस्साहस भारत बनना चाहता है फैन , प्रशंसक और पिछलग्गू सूरज निकलने पर जैसे कोई घुग्घू भारत बनना चाहता है संरक्षक, संस्कारी और कागज़ का वीर दबा देना चाहता वो बातें गंभीर भारत बनना चाहता है धार्मिक, पोंगा पंडित अनूठा वक़्त पड़े पे जो दिखा दे अंगूठा पर देखो आजतक का समय यही बताता है भारत जो चाहता है वही बन जाता है इस शोर में कोई मेरी बात सुनेगा क्या बस इतना बता दो मेरे भारत का बनेगा क्या... ??

हमारा हिंदी प्रेम

कल हिंदी दिवस था कल हमने देखा की हिंदी माँ को कई पुत्रों का स्नेह मिला कुछ तो गले से लटक गए ऐसे लटके की हिंदी माता को उनको कठिन शब्दों का मतलब पूछ के जमीन पे पटकना पडा। पर वाह रे हिंदी दिवस के हिंदी प्रेम वो लौंडे धरती पे गिरके रोये भी तो हिंदी में ही रोये। हम हिंदुस्तानी एक बेहतरीन प्रजाति हैं हमारे कुछ  क्रियाकलाप है जो की अपने आप में अलग ही हैं means ऊँचे दर्जे का swag है हममें। हम जानते हैं हम आलसी है इसीलिए ऐसे कई काम जिनको हमको रोज करना चाहिए उनके लिए एक खास दिन बना दिया है। जैसे एक मित्र जिनका सवेरा ही 11 बजे के बाद होता है वो भी योग दिवस पे चटाई लेके सवेरे 6 बजे सड़क पे पार्क की तरफ जाते दीखते है।  पूछने पे बताने में गर्व का अनुभव करके बताते है "यू नो फिज़िकल फिटनेस इस ए  मस्ट " पर इनको कौन बताये के भैया जी वीडियो गेम में भागने से तोंद के टायरों पे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा। उसी तरह शिक्षक दिवस पर जिस मास्टर को हम दिन भर गरियाते रहे के टाइम पे स्कूल नहीं आता उसी की गरिमा में कविता पढ़नी होती है  "हमारा मास्टर कैसा हो , वर्मा जी के जैसा हो"।  परन्तु हिंदी दिवस में

स्वतंत्रता दिवस की विधि

कल स्वतंत्रता दिवस है , आज रात को नेता  राष्ट्र के नाम सन्देश देंगे |  मैंने भी मन में सोचा चलो में भी सन्देश दूँ ........... दोस्तों लो फिर वही तारीख आ गयी है जिसका हमको और हमारी देशभक्ति को बहुत इंतज़ार रहता है।  भाई जागो स्वतंत्रता लेकर खुद स्वतंत्रता दिवस आने वाला है। समझो भाई, उठो और वो अलमारी की दराज़ में रखी देशभक्ति निकाल लो, उसको धो पोंछ के सजा लो। साल में एक दो बार ही मौका मिलता है वरना कहाँ रोज रोज देशभक्ति लादे फिरें। हाँ तो स्वतंत्रता दिवस आ गया है, न घबराइए नहीं ये नहीं पूछेंगे की कौनसा है । बंद करदो जोड़ना घटाना , हम बता देते है 70 वां है।  स्वतंत्रता  दिवस हमारा राष्ट्रीय त्यौहार है, इसको मनाना ही चाहिए। मैं देखता हूँ कुछ भारतीय अलसाये रहते है, उनको स्वतंत्रता दिवस ठीक से मनाना नहीं आता या फिर वे भूल गए के कैसे मनाएं।  कोई बात नहीं हम यहाँ पूरी विधि "चेप" रहे है इसे देख के ही मना लेना।  टेंशन न लो बढ़िया मनेगा  आस पड़ोस वाले देखते रह जायेंगे के ऐसे मानते है स्वतंत्रता दिवस। बस  इसके लिए आपको कुछ चीज़ों की जरुरत होगी (उसकी भी list लगायी है 😉) सामग्री :- एक तिर

भविष्य का इतिहास

आजकल हम इतिहास के स्वर्णकाल में जी रहे हैं | यक़ीनन ये इतिहास का स्वर्णकाल है | आजकल भारत में हर जगह इतिहासकार पैदा हो गए हैं | ये इतिहासकार इतिहास को इतिहास की तरह नहीं देखते अपितु एक भारी गलती की तरह देखते हैं | और जिसको ये हमारे इतिहासवीर बदल के ठीक करने के अथक प्रयासों में लगे हुए हैं | वे इस कार्य में इतने निपुण है कि कभी कभी तथ्य न भी होने की  स्थिति में वे स्वयं के मन मुताबिक तथ्य  उत्पन्न कर लेते हैं | असल इतिहासकारों में ऐसी प्रतिभा नहीं देखी गयी थी | हमारे इन इतिहासवीरों ने स्वयं "इतिहास" को आत्मविष्लेषण करने पे विवश कर दिया है | आज के दौर में आप तथ्यों की बात न ही करें तो बेहतर है , अन्यथा आपके ऊपर कुतर्कों की ऐसी बारिश की जाएगी कि आपकी आत्मा तक सोचने लगेगी कि कहीं मेरे द्वारा दिए गए तथ्य व्यर्थ तो नहीं | आजकल देखा जा रहा है ज्यादार तथ्य देना व्यर्थ ही हो गया है | आजकल इतिहास को तथ्यों की नहीं बल्कि कपोल कल्पनाओं की ज्यादा आवश्यकता है | जिससे किसी व्यक्ति या दल विशेष का स्वार्थ पोषित हो सके | सही भी है ऐसे इतिहास का भी  क्या लाभ जिससे किसी बिचारे का धंधा भी न चल पा