प्यारे पेट्रोल की गगनचुम्बी उड़ान



वैसे तो हमारा प्यारा पेट्रोल हमेशा से ही Elite रहा है उसको कभी कमतर नहीं आँका गया, उसमें हमेशा से ही Aristocracy वाली बात रही है। और अमीरों की तरह वो भी अति निम्न गरीबों को मारने (जलाकर) के काम तो आ सकता है, परन्तु उनके भले में काम आने वाली तुच्छ कीमत उसने अपनी कभी नहीं रखी।  वो हमेशा से खुद को "इम्पोर्टेड आइटम" वाले रेंज से निचे लाया ही नहीं।  हमने भी देश की गरीबी या पैसे की तंगी की वजह से कभी पेट्रोल को निम्न स्तर पर लाने की गुस्ताखी नहीं की, वो कहीं रूठ न जाये इसीलिए उसके (मूढ़) अभिवावक भी उसको सस्ते में खरीद कर ऊँची कीमत पर बेचते रहे हैं। अरे भाई  देखना, कहीं उसका दिल न टूट जाये इसमें अगर कुछ निष्ठुर या निर्दयी मनुष्यों को हृदयघात आ भी जाये तो कोई घाटा नहीं है। हाल ही के दिनों में पेट्रोल ने नयी ऊंचाइयों को छुआ है, पर ये उसका भाग्यदोष ही समझें की इस उन्नति पर भी कुछ लोग नाक भौं सिकोड़ रहे है।  ये वही लोग है जो शेयर मार्किट उछाल मारता है तो मदमस्त हो उठते है, तो भाई पेट्रोल ने क्या बिगाड़ा है ?  उसको भी उन्नति करने का पूरा हक़ मिलना ही चाहिए वो बेचारा सौ क्या हुआ लोग आठ-आठ क्या सौ-सौ  आँसू रोये हैं। कुछ लोग कहने लगे है पेट्रोल तो पेट्रोल डीज़ल भी आसमान पर पहुँच गया है , मैं  पूछता हूँ तो इसमें गलत क्या है, जब पड़ोस शर्मा जी के दूर के साढ़ू के भाई के बेटे का चयन पुलिस कप्तान पर हुआ तो सबसे पहले शर्मा जी ने मोहल्ले में धौंस जमाई थी, " दो मिंट में अंदर करवा देंगे लड़का SP है हमारा" तो क्या डीज़ल को इतना भी हक़ नहीं के वो अपने सगे भाई के साथ उन्नति कर ले। और अब वो पहले वाला डीज़ल नहीं रहा जो ट्रक और पंप सेट  के लिए लिबीर-लिबीर करता था, अब वो SUV में पड़ता है भाई कुछ तो इज्जत करो। देखा गया है लोग हर चीज़ में तुलना करने लगते है में उन्हें "तुलनात्मक" जीव कहता हूँ, तो इनमे में से कुछ तुलनात्मक जीव कहते पाए जाते है कि "पेट्रोल, डीज़ल महंगे होने से हर चीज़ की कीमत बढ़ जाएगी, और गरीब आदमी पिस जायेगा" 

एक तो ये लोग सुनते नहीं उसपर समझते भी नहीं हैं, अरे भाई डीज़ल,पेट्रोल अकेले उन्नति नहीं करना चाहते वो सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं, वो भी विश्वास करते है सबका साथ सबका विकास में ।  उनपर क्या बीतेगी जब उनपर ये तोहमत लगायी जाएगी की अकेले अकेले बढ़ गए और किसी को साथ नहीं लिया, इसीलिए लोक-लाज़ के भय से वो सबको साथ लेकर चलते हैं। और ये तुम्हारे ग़रीब की दिक्कत क्या है बे, हर जग़ह बस इसे पिसना ही होता है, उसके पास तो मौका है पैदल यात्राएं करके स्वास्थ लाभ ले ऊपर से जो इन यात्राओं में जो ज्ञान प्राप्त होगा उसका एक्स्ट्रा फायदा अलग से। तुम्हारा ग़रीब मुर्ख ही है, पैदल चलने से खाना अच्छे से पचता है (अगर खाया हो तो).... अब ये लोग बोलने लगते है अनाज भी महँगा है, अरे तो भैया सबका ठेका हमने थोड़े लिया है खा लो जो मिल जाये। कोई चैन से मौज भी नहीं करने देता यहाँ, आज पेट्रोल का दिन है कल अनाज के भी आएंगे तो का करेगा तुम्हारा गरीब, समझाओ उसको इस सब में न पड़ा करे कोई भी बैंक चुन ले और गरीबी उतर फेंके 😉। पेट्रोल की उन्नति से हमे खुश दिखना चाहिए जिससे विदेश तक में भारतीयों का डंका बज जाये की देखो इतनी काम आय होने के बावजूद रामलाल जी कैसे ऊँचे दामों पर तेल खरीद रहे हैं, इससे शायद उनकी नजरों में हमारी छवि भी सुधरे की भारत के लोग बड़े ही रईस होते हैं कभी भाव-ताव नहीं करते। अब इ
तनी सारी बातों को ध्यान में रखकर ही तो पेट्रोल डीज़ल के भाव बढ़ाये होंगे उसके अभिवावकों ने। अब का देश का नाम भी न  रोशन करें ? कैसे नकटे लोग रह रहे है देश में। हमें हम सब को इस अभूतपूर्व उन्नति पर पेट्रोल डीज़ल को बधाई देनी चाहिए और आगे भी उनकी उन्नति की कामना करना चाहिए। और इसे एक उत्सव के रूप में मानना चाहिए कि  एक तुच्छ पदार्थ भी देश सेवा में लगा हुआ है धन्य है पेट्रोल।  🙏

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