History now-a-days
बहुत समय बाद अपनी लेखनी उठाई है | या कहिए की उठवाई गयी है आजकल नया चला है भाईसाहब कोई कुछ पूछे तो ज्ञान देदो "क्यू उस दिन कहाँ थे जब शर्मा जी की बनियान बंदर उठा के ले गया था कितना रोए थे शर्मा जी अपने अंगवस्त्र के लिए पर तुमको उनके आँसू कहाँ दिखेंगे तुम सियूडो-सेकुलर जो ठहरे" | नही ये बताने के लिए नही आए है के उस दिन हम उठे ही १०:३० पर थे | अब बंदर को पीछे से गरियाने से शर्मा जी की बनियान वापस तो आ नही जाती | हम तो सोच रहे है सामने से जो बंदर कच्छा उड़ाने तैयार बैठा है उसका क्या किया जाए | आज एक नया लेख पढ़ा जिसमे लिखा था रुपया डॉलर से नीचे गिर गया है मतलब अमरिकी डॉलर महेंगा हो गया है | हमारे कई मित्र इस बात से बहुत परेशान है | सब के सब बुड्बक हो गये है अरे भाई उनका पैसा महेंगा हुआ तो वो जाने तुम लोग काहे चूड़ी फोड़ रहे हो | फिर किसी ने बताया के इसकी वजह से पेट्रोल महेंगा हो गया है हम तमतमा उठे | लगा उठा के सारे डॉलारो मे आग लगा दें | पर हमारे पास थे ही नही | ओर जेब के उस पुराने पाँच के नोट से हम रसगुल्ला खा सकते है जिससे हम डॉलर को भूल जाए | आर्थिक समाचार सिर्फ़ आर्थिक तौर...