kalaadhan or hum...

आजकल हर एक की जुबां पर बस एक ही बात है कालाधन कब आएगा वापस और कैसे आएगा। न्यूज़ वालों ने तो जान की बाजी लगा दी है साहब ।  हर एक रिपोर्टर खुद अपने जेब की गाडी कमाई खर्च कर सकता है बस कोई बता भर दे की कब आ रहा है काला धन ।  कुछ बेचारे रिपोर्टर तो बाबाओं के यहाँ हो आये के बाबाजी आप ही बता दो काला धन कब आएगा । अब बाबा भी क्या बताये वो खुद सोच रहे है की काला धन आये और वो नया कमण्डल खरीदें ये वाला ओल्ड फैशन हो गया है ।  दरअसल ये कालाधन का राग आजकल हर एक बिना आदमी अलाप रहा है जैसे "अब आएगा मजा जब बड़े बड़े लोगों का पैसा वापस आएगा हमारे देश में" उन बेचारों को ऐसा लगता है की जैसे ही काल धन आएगा तो सेक्रेटरी साहब खुद फ़ोन लगा के बोलेंगे के "शर्मा जी वो आपका कालाधन आ गया है स्टेट बैंक में डालेंगे या स्विस बैंक" में बेचारे हमारे पढेलिखे पर निरीह से लोग जो इन बड़े बड़े वादों में आ जाते हैं 100 दिन में कालाधन लाएंगे।  भाई साहब एक शहर में पिज़्ज़ा इधर से उधर होने में आधा घंटा लग जाता है जबकि उनको पैसे मिलते हैं उसके लिए तो बिना पते के आपका कालाधन आपतक कितने दिन में पहुंचेगा सोचिये ये कोई डोमिनोज नहीं के आधे घंटे में डिलीवरी नहीं तो फ्री।  पर कुछ लोग तो आने वाले कालेधन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे है जैसे  गुप्ता जी उन्होंने इस महीने का सारा वेतन वाशिंग पाउडर पर खर्च कर दिया। अरे भाई जब इतना कालाधन आएगा तो उसको धोके सुखाना भी तो पड़ेगा तभी तो सफ़ेद होगा वरना कालेधन को कौन सा विदेशी बैंक जमा करेगा।  उसको तो कोई देसी बैंक भी लेने से नाक भौं सिकोडेगा । कई लोगों ने नयी कार की बुकिंग कर दी है ये सोच के जैसे ही कालाधन अकाउंट में आएगा हम पेमेंट कर देंगे  । कुछ लोगों को सिर्फ इस बात की फ़िक्र है की कालाधन आये और इस रोज रोज के काम से हमारी जान छूटे कब तक मेहनत करके पैसा कमाएं कुछ पैसे आ जायें तो गोवा घूम आएं । हमारे यहाँ आने वाली बर्तन वाली आंटी ने भी सोच रखा है की जैसे ही उनका वाला कालाधन आये तो वो  सारे बर्तन अपने घर से ही धोया करेंगी सब के घर जाने में वक़्त ख़राब होता है।  निकट भविष्य में अनपे मॉल्स में ऑफर होंगे कालेधन वालों को 80% discount ।  कुछ दिनों में बैंक भी कालेधन को गारंटी मनके लोन्स देने लगेंगे ।  अगर हमारे superman  uncle  कालाधन ले आएंगे तो फिर हमारे देश में गरीबी ही नहीं गरीब भी नहीं रहेंगे और हर सड़क पे चलते आदमी के पास मोबाइल नहीं खुद का सैटेलाइट होगा । इस बात से ये सिद्ध होता है की हमारे देश के नेता एवं बड़े  बड़े उधोगपति बड़े ही दूरदर्शी है उन्होंने बचपन में ये कालाधन बनाना सीख लिया था जो आगे चलकर हमारे देश की दशा और दिशा को एक नया (अंधा ) मोड़ देगा इस बात पे हम अपने नेताओ और उद्योगपतियों को दंडवत  प्रणाम करते है की हे  क-पूतों अबकी बार ये कालाधन मत बनाना क्योंकि हम लोग आपके इस परोपकार को सहने की हिम्मत नहीं रखते। 

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