Railgaadi

RAILGAADI
 आज हम फ़िर उसी जगह हैं  जिसे हम अंग्रेजी मे ट्रेन ओर हिंदी में लौहपथगामिनी कह्ते हैँ/इस जगह कि भी  अपनी  महिमा है वास्तव मे इसका निवास (railway station) जितना नीरस और बेकार दिखाई पड़ता है आप देखेंगे कि रेल के अन्दर क माहौल उसकी सर्वथा विपरीत है/जहाँ स्टेशन पर आपको आपके सिवाय कोइ और नहीँ जानता रेल के अन्दर आपको कोइ अन्जना सा लग हि  नहीँ सकता यहाँ तो सभी चहरे समान दिखते हैं  और आप उनमे फ़र्क़ न हि करे तो बेहतर होगा/आज हम उसी स्थान पर एक बार फ़िर से हैं/इस देश मे रेलवे विभाग बहुत महत्वपूर्ण है फ़िर भी हमारे देश के कुछ लोग रेलवे को गालियां देते है और कहते हैं कि हमारे देश कि रेल और देशों  से अच्छि  नहीँ है/उनको क्या पता हमारी रेल कितनी न्यारी है अरे साहब आप भारत के अलावा किस देश कि रेल मे बिन टिकिट के भी शान से सैर कर सकते है बताइये जरा/चलिये ये बता दीजिये किस कौन सी बुलेट ट्रेन आपको चैन खीँच से सिधे दरवाजे के सामने उतार  सकती है,भाई साहब ये सिर्फ़ भारतीय रेल का करिश्मा है/और जब आप रेल के अन्दर बैठे हों तो पूछिये हि मत साहब आपकों इतनें उँचे दर्जे के दार्शनिक मिलेँगे कि आपका जीवन ध्यन हो जायेगा/आपको बैठते हि क़ुछ बच्चोँ के रोने कि मधुर ध्वनि सुनाई देगी और इस सुविधा का कोइ मूल्य भी नहीँ चुकाना पड़ता/इसके बाद शूरू होता है  बातचीत का  दौर इसमे कुछ खास विषय चर्चा का मुख्य बिन्दु होते हैंजैसे कि राजनीति/यहां आके आपको पता लगता है कि ये (महा )पुरुष कितने महान हैं कहाँ आप अख़बारों मे लगे पङे  हैं/यहॉं तो बडे बडे  नेताओ के कार्यों कि समीक्षा कि जाती है और उनका रिपोर्ट कार्ड बनाया जाता  है/अक्सर देख गया है देश के प्रधानमंत्री किसी काम के नहीं होते/और बातों से लागता है कि ये  मुहँ से गुठका थूंकने वाले  सज्जन अच्छा देश चलाते/और अगर चुनावी मौसम होतो कहने हि क्य ये लोग वोटिँग परसेंटेज से लेकर भावी प्रधानमंत्री तक बता सकते हैं/और वो भी बिन किसी भुगतान के ये सुविधा और किस देश कि रेल देतीं है बताऐं/आगे देखें तो वे लोग हम से बहुत पिछे हैं उनके यहाँ मनोरंजन के लिये भी रेल मे टीवी या रेडियो कि सुविधाः होति है/हम भारतीय तो स्वंम पर विश्वास करके प्रकृति  द्वारा दिये हुए मुख का उप्योग करते है,ओर बताईए इसे किस हवाई सिग्नल कि ज़रूरत पड़ती है जब चाहो ऑन कर लो ये सुविधा भी है/और ये बताइए किस विदेशी ट्रैन मे आपको चने छोले कुलचे आदि बेंचने वाले डायरेक्ट "ट्रेन डिलीवरी " देते होंगे उसके बाद हमको अपनी ट्रेन से शिकायत रहती है/अरे साहब ये देखिये अगर भारत जैसे  मुसाफ़िर अगर बुलेट  ट्रेन मे चलने लगे न तो वो तो टस से मस नहीं होगी/ये तो हमारी महान रेल है जो चल रही  जी/ इसके बाद हमारे यहाँ तो ऐसे लोग भी कम नहीं जो आपकी इतनी चिंता करते है कि आपका लाया हुआ बोझ समान बीच सफ़र मे हि कम कर देते हैं,फ़िर भी  हमको परेशानी है/
पता नहीं लोग चाहते क्या हैं अरे ये सब हमारे लिये हि तो है/अब ये बताईए किस देश मे महज किराय मे कुछ पैसे बढ़ानें  पर रेलमंत्री बदला जाता है/अरे ये रेल हमको इतनी सुविधाऐं दे रही है और हम नाक भौं सिकोड़ रहे हैं/लोग कहते हैं कि हमारी रेलें धीमी चलती हैँ /ऐसा   नहीँ  है बल्कि हमारी ट्रेन इस कहावत मे विश्वास करती है कि "slow and steady always wins the race" कछुए और खरगोश कि कहानी तो आप ने भी सुनीं होंगी और तेज  चलके जाना कहां है अरे भाई आये है तो वक़्त गुजारिये रेल मे ओर लुत्फ़ लीजीए"suffer"का..... 

Comments

Popular posts from this blog

योग दिवस के उपलक्ष्य में

सर्पागमन

History now-a-days